कुछ बातें बस ऐसी होतीं हैं,
कही नहीं जाती है तुमसे,
पर शायद साथ होने का एहसास ज़रूरी है,
कुछ बातें बस ऐसी होतीं हैं ||
कुछ पल बस ऐसे होतें हैं,
के छायी होती है चुप्पी,
और देखती रहती हैं आँखें,
एक दुसरे को एकटक,
कुछ बातें बस ऐसी होती हैं ||
कुछ महक बस ऐसीं होतीं हैं,
के खुशबू है तुम्हारे साँसों की,
और हाटों में हैं हाथ,
और बीत जाते हैं पल हज़ारों,
कुछ बातें बस ऐसी होती हैं ||
कुछ एहसास बस ऐसे होतें हैं,
के रोशनी भी लगने लगती है पराई,
जुड़े होतें हैं हम कुछ इस तरह,
के आखें भी पलकों को खोलने से कतरातीं हैं,
कुछ बातें बस ऐसी होतीं हैं ||
कुछ ज़िन्दगी बाद ऐसी होती है,
की ये बातें, पल, महक, एहसास,
सब पराये हो जातें हैं,
बस तनहा रह जातें हैं,
छोटी भीगी यादें, कलम और आईना,
कुछ बातें बस ऐसीं होती हैं ||
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