mardi 2 décembre 2014

डेट

आओ मितवा आज डेट पे चलें,
मखमली शाम होगी,
ठंडी हवाएं होंगी,
और होंगी कुछ प्यारी प्यारी बातें,
आओ मितवा आज डेट पे चलें।

कुछ लोग ख़ुशी में
टकराते हैं जाम,
हम चाय का प्याला ही टकरा लेंगे,
और बाटेंगे हमारे सुख दुःख की बातें,
आओ मितवा आज डेट पे चलें।

प्रेम भी एक अजीब खेल है,
पहले तो होता नहीं है,
और फिर जब होता है तो
कंट्रोल नहीं होता।
जमाना भी अजीब खजूर है ,
लिव - इन पर चुप है,
विवाह पर आपेक्ष।
चलो इन सब बातों को भूल
कुछ भली बातें करें
आओ मितवा आज डेट पे चलें।

रिमोट कंट्रोल के जमाने में,
स्वयं पर कंट्रोल नहीं,
पर दूसरों की पसंद-नापसंद
पर नियंत्रण चाहिए,
कभी अलार्म क्लॉक,
कभी मोज़े का साइज़,
कभी टी शर्ट,
और कभी स्लीपिंग आफ्टर सनराइज़,
होती हैं घंटों निरर्थक अनर्गल बातें,
चलो मितवा इन बातों को भूल चलें,
आओ मितवा हम डेट पे चलें।   

lundi 2 juin 2014

ভালোবাশা তুমি





ভালোবাশা তুমি ফেনা ভাত,
গলা মাখন্, আলূভাজা,
পাতে কিছু নুন
কোনায় আচার|

ভালোবাশা তুমি আলুর চচ্চডি
আলূর দম্, লূচি তরকারি,
খাস্তা কচুরি
গরম্ খিচুডি|

ভালোবাশা তুমি তেলেভাজা,
গরম্ রসগোল্লা,
ছানার্ সন্দেশ্
নলেন গুডের পায়েশ |

ভালোবাশা তুমি নতুন বই
বই এর পাতার সুগন্ধ,
তুমি বব্রিশ্টি ভেজা মাটি,
মাটিতে সবুজ ঘাস |

ভালোবাশা তুমি আল্হাদ
আমোদ,বিনোদ,প্রমোদ,
তুমি মুচকি হাসি,
চুম্বন্,খুনসুটি,চিমটি কাটা,
তুমি চোখের ইশারা,
তর্জনির ডাক|

ভালবাশা তুমি পাহাডেড ডাক,
উন্মাদনা, হ্রিদযের ঢাক,
ওষ্ঠের্ কম্পন,
প্রেমের্ নাচন কোদন|

ভালবাশা তুমি চোখের জল,
তুমি রজনিগন্ধা,
গোলাপের পাতা,
সে সুগন্ধের আডালে,
লুকিয়ে আছ
ভালবাশা তুমি |‌

Nisha